शिव प्रसाद पोखरियाल: एक गीतकार, संगीतकार और गायक By: Bhishma Kukreti

शिव प्रसाद पोखरियाल: एक गीतकार, संगीतकार और गायक - भीष्म कुकरेती - शिव प्रसाद पोखरियाल देहरादून की गढ़वाली संस्कृति और साहित्य में एक प्रमुख व्यक्ति थे। स्वर्गीय शिव प्रसाद पोखरियाल हमेशा गढ़वाली गीतों के लिए संगीत और अपनी आवाज़ देने में व्यस्त रहते थे। शिव प्रसाद पोखरियाल का जन्म 1940 में पौड़ी गढ़वाल के पोखरी में हुआ था। उन्होंने गढ़वाली गीत और कविताएँ लिखीं जो ज़्यादातर प्रेम के उत्साह से जुड़ी थीं। शिव प्रसाद पोखरियाल द्वारा लिखे गए प्रेम गीतों का एक उदाहरण
-फ्यूंलड़ी (श्रृंगारिक गढ़वाली कविता )
फ्यूंलड़ी त्वै देखि औंद याद यो मन मा तेरो मेरो साथ छयो पैल्या जनम मा। गोरी मुखडी मा जब घुँघट खैंचदि तू धोतिन उठड्यूं दबै कि मुलमुल हंसदि तू झिलमिल फूली को झिमलाट नाक मा। तेरो मेरो साथ छयो पैल्या जनम मा। मुंडि कि घुंघर्याळी लटुली सुरजी सि किरणी बिगरैलि खुटोंकि हिटैइ डांड्यू की सि हिरणी छुण छुण चूड़ियों को छमणाट हत्यों मा , बतौणु छौ हत्यों मा। तेरो मेरो साथ .... उलर्यों दगड्यों दगड़ि कौथिग जान्दि तू फररा फर फर बथौं मा दुशलि उडाँदि तू झलकदि मछलि बतौणि छ कान मा बतौणी छ कानुमा। तेरो मेरो साथ .... डाँड्युं मा दगड्यों दगड़ी घास कु जब जांदि तू छुण - छुण - छुण - छुण दथड़ि का छुणका बजांदि तू रसीला गीत बतौणा छैं डाँड्युं मा , बतौणा छैं डाँड्युं मा। तेरो मेरो साथ ... पुंगड्यों की भीट्यूं बैठिक , जब खुट्यों हिलांदि तू केळा सि कुंगळी फिलियों तैं धोतिन ढकांदि तू देखिकि आंख्युं को सरमाणु मनमा बतौणु छ मनमा। तेरो मेरो साथ ... पाणि कि गागरि लेकि जब उकाळि कु आंदि तू देखिकि मि झट बौगा ह्वे कि मुखडि फर्काँदि तू धौंपेलि को फेर बतौणु छ पीठि मा , बतौणु छ पीठि मा। तेरो मेरो साथ

सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2024

Post a Comment

0 Comments