रागवत : विभिन्न चित्रों व विषयों का गढ़वाली काव्य संग्रह
(गढ़वाल,उत्तराखंड,हिमालय से गढ़वाली कविता क्रमगत इतिहास भाग
(गढ़वाली कविता का आलोचक और इतिहास,
‘रागवत’ सिद्धि लाल विद्यार्थी का पहला गढ़वाली काव्य संग्रह है। इस काव्य संग्रह में 42 गढ़वाली कविताएं एकत्र की गई हैं।
अधिकतर आध्यात्मिक और दार्शनिक होते हैं (नियाधारी कु आधार, अस); पर्यावरण संरक्षण और गढ़वाल भौगोलिक कल्पना (प्राकृति वरदान, धरती); गढ़वाल संस्कृति, कष्टप्रद सांस्कृतिक परिवर्तन (दया पड़ई संस्कृति); प्रवास की समस्या, प्रवास से सामाजिक परिवर्तन और प्रवास का दर्द (दूर दरजाई नौक्री), सामाजिक कारण (नौन्यून भ्रुण हत्य), राष्ट्रवाद और अन्य महत्वपूर्ण विषय ।
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